मित्रो ! इन दिनों दुनिया दो तरीके से बदल रही है । इसे कौन बदल रहा है? बीसवीं सदी का अवतार, जिसे हम प्रज्ञावतार कहते हैं । आदमी की अक्ल बहुत ही वाहियात है । इस अक्ल ने सारी दुनिया को गुत्थियों में धकेल दिया है । जितनी ज्यादा अक्ल बढ़ी है, संसार में उतनी ही ज्यादा हैरानी बढ़ी है । आप कॉलेजों में, विश्वविद्यालयों में चले जाइए । पहले वहाँ अराजक तत्त्व, अवांछनीय तत्त्व जन्म ले रहे हैं? आपको बदलता हुआ जमाना दिखाई नहीं पड़ता, आजकल बहुत हेर-फेर हो रहा है । इस अक्ल ने दुनिया को हैरान कर दिया है । इस अक्ल की धुलाई करने के लिए एक नई अक्ल पैदा हो रही है,जिसका नाम है-'महाप्रज्ञा' । चौबीसवाँ अवतार प्रज्ञा के रूप में जन्म ले रहा है । आपको तो नहीं दिखाई पड़ता होगा शायद, पर आप हमारी आँखों में आँखें डालकर देखें । हमारी आँखे बहुत पैनी हैं और बहुत दूर की देखने वाली हैं । हमारी आँखों में टैलिस्कोप लगे हुए हंै । आप आइए, जरा हमारी आँखों मेंआँखें डालिए, फिर देखिए क्या हो रहा है? जमाना बेहद तरीके से बदल रहा है । यह कौन बदल रहा है? भगवान बदल रहा है । भगवान का अवतार जब कभी भी दुनिया में हुआ है, तब भक्तजनों को अपना सौभाग्य चमकाने का मौका मिल गया है ।
पूज्यवर की अमृतवाणी-१-५.२१
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