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Friday, August 19, 2011

मित्रो ! स्मरण रहे-युग निमार्ण का संकल्प महाकाल का है


मित्रो ! स्मरण रहे-युग निमार्ण का संकल्प महाकाल का है, केवल जानकारी पहुँचाने और आवश्यक व्यवस्था जुटाने का काम शांतिकुंज के संचालकों ने अपने  कंधों पर धारण किया है, मौलिक श्रेय तो उसी महाशक्ति का है, जिसने मनुष्य जैसे प्राणी की सीमित शक्ति से किसी भी प्रकार बन पड़ने वाले कायोर्ं को करने की प्रेरणा दी है और काम में जुट जाने के लिए आगे धकेल कर बाध्य किया है वही इस प्रयोजन को पूर्ण भी करेगी, क्योंकि युगपरिवतर्न का नियोजन भी उसी का है
शांतिकुंज के संचालक प्रायः अस्सी वर्ष के होने जा रहे हैं उनका शरीर भी मनुष्य-जीवन  की मयार्दा के अनुरूप अपने अंतिम चरण में  है, फिर नियंता ने उनके जिम्मे एक और भी बड़ा तथा महात्त्वपूर्ण कार्य पहले से  ही सुपुर्द कर दिया है, जो कि स्थूल शरीर से नहीं, सूक्ष्म शरीर से ही बन पड़ेगा वतर्मान शरीर को छोड़ना और नए सूक्ष्म शरीर में प्रवेश करके प्रचंड शक्ति का परिचय देना ऐसा कार्य है, जो सशक्त  आत्मा के द्वारा ही बन पड़ सकता है इतने पर भी किसी को यह आश्शंका नहीं करनी चाहिए कि निधार्रित 'युगसंधि महापुरश्चरण' में कोई बाधा पड़ेगी महाकाल ने ही  यह संकल्प लिया है और वही इसे  समग्र रूप में पूरा कराएगा, फिर  उज्ज्वल भविष्य के निमार्ण हेतु अगले दस वर्षों तक शांतिकुंज  के वतर्मान  संचालन की भी आवश्यक व्यवस्था बनाने और तारतम्य बिठाते रहने के लिए भी तो वचनबद्ध हैं
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