Pages

Monday, August 1, 2011

वस्तुतःलोग सद्गुणों के आधार पर कमाते हैं

साहस, परिश्रम, सूझ-बूझ, मधुर भाषण, व्यवस्था आदि वे गुण हैं, जो उपार्जन करते हैं । बेईमानी तो अपयश, अविश्वास, घृणा, असहयोग, राजदण्ड, आत्मग्लानि आदि दुष्परिणाम ही उत्पन्न करती है । वस्तुतःलोग सद्गुणों के आधार पर कमाते हैं । बेईमानी का तात्पर्य है दूसरों को धोखा देना, यह तभी सम्भव है जब उस पर ईमानदारी का आवरण चढ़ा हो । किसी को ठगा तभी जा सकता है, जब उसे अपनी ईमानदारी एवं विश्वसनीयता के बारे में आश्वस्त कर दिया जाये । असलियत जैसे ही प्रकट हुई, बेईमानी करने वाला न केवल उस समय के लिए वरन् सदा के लिए उन लोगों से अपनी विश्वास खो बैठता है और लाभ कमाने के स्थान पर उल्टा घाटा उठाता है ।
वांङमय-६६ पृष्ठ नं-६.३५

No comments:

Post a Comment