जो सत्यवान नहीं है, जिन्होंने अपना सारा जीवन झूठवान बना करके रखा है, जिसके व्यवहार में झूठ, विचारों में झूठ, नियम में झूठ, रोम-रोम में झूठ भरा पड़ा है । उसका यदि ख्याल हो कि गायत्री मंत्र बोलने के बाद में किसी ऐसी शक्ति को गुलाम बना सकता है जो उसके मनमर्जी के मुताबिक जो भी मनोकामना होगी, उसको पूरा कर दिया करेगी, तो मेरे हिसाब से यह ख्याल गलत है । दुनिया में ऐसी कोई देवी नहीं है जो किसी पूजा-पत्री करने वाले को निहाल इसलिए कर दिया करे कि उसने इतना जप किया, धूपबत्ती जलाई या इतना हवन कर दिया है । हवन, धूपबत्ती और जप की संख्या के नाम पर प्रसन्न होकर आदमी की मनोकामना को पूरी कर दिया करे, ऐसी देवी दुनिया में नहीं है ।
- परम पूज्य गुरुदेव
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