नये युग के मनुष्य को बनाने के लिए हम मनस्वी पैदा करेंगे । मनस्वी पैदा करने का मतलब यह है कि वह व्यक्ति अपने मन से कहेगा कि जिस देश में हम पैदा हुए हैं उसके औसत नागरिक के स्तर के जीवनयापन का मापदण्ड बनाना चाहिए । भारत का औसत नागरिक क्या खाता है, वह खाइये । वह जिस स्तर का जीवनयान करता है, आप भी उसी स्तर पर करिये । औसत नागरिक स्तर की आवश्यकतायें क्या हैं? आप तय कीजिए और अपना मापदण्ड बनाइये । मनस्वी व्यक्ति ऐसे ही होते हैं और ऐसे ही होने चाहिए । ईश्वरचन्द्र विद्यासागर को मैं मनस्वियों मे नाम लेता हूँ । वे पाँच सौ रुपया महीने कमाते थे, लेकिन ५० रुपये में अपना और अपने कुटुम्ब का खर्च चलाते थे । शेष बचे हुए ४५० रुपये गरीब विद्यार्थियों, मुसीबतग्रस्तों के लिए सुरक्षित रखते और उससे उनकी मदद करते थे । मनस्वी उसे नहीं कहते जो प्राणायाम करता है और ग्यारह माला जप करता है । मनस्वी वह होता है जो बहादुरों और ईमानदार आदमियों की तरीके से अपने जीवनयापन के सम्बन्ध में, अपने जीवन पद्धति के सम्बन्ध मेंे महत्वपूर्ण फैसले कर लेता है । अगर आप यह फैसला कर लें तो आपके जीवन में कायाकल्प हो जायेगा ।
अखण्ड ज्योति-१९९६-फरवरी-पेज-५२
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