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Wednesday, June 29, 2011

उपासना को प्राणवान बनाइए

आप अपनी उपासना को प्राणवान बनाइए । प्राण किसे कहते हैं? प्राण उसे कहते हैं, जो अपना कलेवर साथ-साथ लिए घूमता-फिरता है । प्राण जो है, उसके भीतर इच्छाएँ रहती हैं, हिम्मत रहती है, बहादुरी रहती है कि वह दिमाग को घसीट ले जाए, शरीर को घसीट ले जाए और साधना को घसीट ले जाए । इस तरह जो तीनों को घसीट ले जाए, उसको प्राण कहते हैं । आपकी उपासना की प्राण-प्रतिष्ठा होनी चाहिए । आपकी उपासना में प्राण होना चाहिए ।


- साधना में प्राण आ जाए तो कमाल हो जाए

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