हमारा कार्य अब सारथी का होगा । दुष्प्रवृत्तियों से महाभारत का मोर्चा अब पूरी तरह हमारे कर्तव्यनिष्ठ बालक सँभालगें । विश्व के पाँच अरब लोगों के चिंतन, जीवन व्यवहार, दृष्टिकोण में परिवतर्न और मानवीय संवेदना की रक्षा के लिए और अधिक तत्पर होकर कार्य करेंगे । यह न समझें हम आपसे दूर हो जाएँगे । सूक्ष्म एवं कारण सत्ता में विलीन होकर आत्मीय कुटुम्बियों को अधिक प्यार बाँटेंगे ।
वाङमय-१ पृष्ठ-१०.३०
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