कहावत है कि 'जहाँ चाह वहाँ राह' जो जैसा होना चाहता है वैसा बन जाता है । महापुरुषों के जीवन चरित्रों पर नजर डालिए । क्या परिस्थितियों ने ही उन्हें ऊँचा उठा दिया था? नहीं, जिसने अपने को जैसा बनाना चाहा वह वैसा बन गया । अर्जुन, रावण, राम, कृष्ण, हनुमान, अभ्ामन्यु, प्रताप, शिवाजी जैसे महापुरुषों में वैसे बनने की चाहत नहीं होती, दृढ़ मनोबल नहीं होता तो क्या वे इतने बड़े कार्य कर पाते? महान् तानाशाह हिटलर और मुसोलिनी कभी अपने बहुत ही गरीब पिताओं के घरों में पैदा हुए थे और अपनी आधी उम्र तक इतना पैसा नहीं कमा पाये थे कि अच्छी तरह अपना खर्च चला लें । नैपोलियन बोनापार्ट एक गरीब के घर में पैदा हुआ था, पर उसने वह कर दिखाया जिसे अरबों-खरबों की गिनती रखने वाले और उसकी अपेक्षा चौगुना शारीरिक बल रखने वाले नहीं कर सकते ।
(अखण्ड ज्योति-१९४०, जनवरी २६)
Very nice..!!!!
ReplyDeleteits fantasting
ReplyDeleteBahut khoob.
ReplyDeleteJOLLY UNCLE
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