ईश्वर के राज्य में जो माँगेगा, उसे दिया जाएगा और जो खटखटायेगा उसके लिए खटखटाया जाएगा । यह नियम या सिद्धान्त बहुत ही सरल प्रतीत होता है । माँगने मात्र से मिल जाने का सिद्धान्त सच भी है अर्थात् जो भी आकांक्षा की जाती है, वह तत्काल पूरी होती है । लेकिन वास्तविक जीवन में इसका उल्टा प्रतीत होता है । लोगों की हजार आकांक्षाएँ रहती है और उनमें से अधिकांश अधूरी रह जाती है । यह देखते हुए सहज ही लगने लगता है कि यह सिद्धान्त गलत है; किन्तु हजारों बार ऋषियों और मनीषियों ने कहा है कि प्रार्थना कभी निष्फल नहीं जाती । वह अवश्य पूर्ण होती है ।
(अखण्ड ज्योति-१९७९, नवं० १४)
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