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Tuesday, July 12, 2011

महाकाल के हाथ उन्हें करारी चपत लगाने के लिए उठ ही पड़े हैं

अपनी यह आस्था चट्टान की तरह अडिग होनी चाहिए कि युग बदल रहा है, पुराने सड़े-गले मूल्यांकन नष्ट होने जा रहे हैं । दुनिया आज जिस लोभ-मोह और स्वार्थ-अनाचार के सर्वनाशी पथ पर दौड़ रही है उसे वापस लौटना पड़ेगा । अन्ध परम्पराओं और मूढ़-मान्यताओं का अंत होकर रहेगा । अगले दिनों न्याय, सत्य और विवेक की ही विजय वैजन्ती फहरायेगी । हमें मूढ़ता और दुष्टतावादियों से तनिक भी प्रभावित नहीं होना चाहिए और विश्वास रखना चाहिए कि बदलना उन्हें भी पड़ेगा । महाकाल के हाथ उन्हें करारी चपत लगाने के लिए उठ ही पड़े हैं । हमें अपने को एकाकी, दुर्बल या साधनहीन नहीं मानना चाहिए, वरन् यह समझकर चलना चाहिए कि पीछे अजेय शक्तियाँ विद्यमान हैं जो इस महान अभ्ायान के अपने प्रयासों को पूर्ण सफलता प्रदान करके रहेंगी ।
परम पूज्य गुरुदेव

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