युग निर्माण परिवार के हर सदस्य को युग परिवर्तन की प्रक्रिया को एक धर्म युद्ध मानकर चलने के लिए कहा गया है । पाप और अनाचार से, दुष्टता और असुरता से लड़ना इस आपत्तिकाल में हर प्रबुद्ध एवं भावनाशील व्यक्ति के लिए अनिवार्य हो गया है । अज्ञान असुर से प्रचारात्मक मोर्चे पर और अनाचार दानव से संघर्ष मोर्चे पर लड़ा जाएगा, तभी हर मस्तिष्क पर अधिकार किये हुए आज के हिरण्याक्ष लोभी दृष्टिकोण का अंत किया जा सकेगा ।
- परम पूज्य गुरुदेव
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