हमारी तपश्चर्या का प्रधान प्रयोजन उन सुसंस्कारित आत्माओं में प्राण और साहस भरना है, जिनकी मनोभूमि में आज के युगधर्म को समझ सकने और उसके लिए कुछ करने की हिम्मत विद्यमान है । हमारे तप से इस स्तर के व्यक्ति पूरी तरह लाभान्वित होंगे । पिछले दिनों रामकृष्ण परमहंस, महर्षि रमण, अरविन्द घोष जैसे महामानवों ने इसी स्तर की, इसी प्रयोजन की तप-साधना की थी और उसका फल भारतीय स्वतन्त्रता के लिए उत्पन्न अगणित शूर सैनिकों के रूप में प्रस्तुत हुआ ।
- परम पूज्य गुरुदेव
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